शायरी जोश भरने के लिए-Inspirational shayari-03 ARC Writings-
- बन जा रस्सी सा ,पत्थर दिलों पर इतना घिस कि निशान बना दे,
- मौका ,जीवन एक ही,आखिरी में कुछ कर हंस के ,महान बना दे।
- है तु बीज , निकलेगा बनके पेड़,पर मिट्टी से मिल तो जाके, वक्त से,
- नाम जागीर नहीं,तो घबरा नहीं,मौका है रंग दे दीवारें ,खुद के रक्त से।
- गिरते ही टूट जाएगा,तू कांच नहीं,जो फिर जुड़ेगा नहीं ,
- मिल ही जाएगी मंजिल ,गिरते पड़ते ,पीछे गर मुड़ेगा नहीं।
- मंजिल छू लेगा जब तू , भूल जाएगा जमाना तेरा डगमगाना ,
- गर इरादा है रुकने का , सीख ले, मजाक खुद का बनाना या बहाना।
- भले है तू आसमान में ,अकेला तारा ,न सोच नज़र से छूट रहा है ,
- घिस के ,साथ चमक निकलेगा घर से,कहेंगे लोग ,तारा टूट रहा है।
- यकीन कर ,छोड़ जवानी ,आँख का पानी ,काबू कर सकता तू ,सारा नजराना ,
- न भटक बे-वजह ,जानता तू कौख से ,कहाँ से निकल के, है तुझे- यारा जाना।
- तेरी मंजिल का मालिक, जो आज है,उसे कल नीचे उतर या गुजर जाना है,
- सीख यही सीख ले,उसके उतरने या गुजरने पर, कैसे? खुद वहां ठहर जाना है।
- खुद से ही चबाने हैं चने , ना सोच, कोई तेज तुजसे , तरस खाएगा,
- तू घर से निकल, बिना फिकर धूप की,पसीना ही बन पारस बरस जायेगा।
- जीत खेल में.. छल से नहीं, तय होती है छलांग से,
- चमकना है जीत के,तो सीख ले,पहले खेलना आग से।
और अंत में,
अपनों से जुड़े सपने ,हमेशा पूरे होते हैं,
दुश्मनों से जुड़े अपने, हमेशा अधूरे होते हैं,
वक्त मिले तो सीखना दुश्मनों से भी ,
कुछ पत्थर दिल ,तो कुछ हीरे होते हैं।
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