Friday, August 31, 2018

sad love poem in hindi-breakup lines|sad love poem in hindi for boyfriend and gf



sad love poem in hindi-breakup lines|sad love poem in hindi for boyfriend and gf
तुम सुनोगी तो, सुनाऊँगा हर किस्सा ढंग से,
बाहर ही खडे हैं, तुम उठ के आओ तो पलंग से !
कसरतें होती हैं यहाँ ,दर्दों को परख के, चख के,
हरकतें नशीली यहाँ दूर तो, खुद को रंगते जख्म से,
लिपटते रहते हैं कहाँ , हम खुद खामोशी से,
ये दिल, जो नफरतें निकलने न देता, हलक से !
तुम सुनोगी तो, सुनाऊँगा हर किस्सा ढंग से,
बाहर ही खडे है,तुम उठ के आओ तो पलंग से !


अश्क छलकाते नहीं,जरूरी नहीं,दर्दों कतार लगा दो,
खुद छलाँग लगा दें,दर्दे समंदर पता एक बार बता दो,
सजाये बेबसी कबूल ,न खुदी गले इनकार लगा लो,
बेफिक्र कहो प्यार नहीं,बैगम,न यूँ छुपकर दगा दो !
कम सुनोगी तो, दुहऱाऊँगा हर किस्सा ढंग से,
बाहर ही खडे हैं, तुम उठ के आओ तो पलंग से !


तुझसे शराफत सी मोहब्बत की तबीयत रही थी मेरी,
यूँ बदनाम सा,बे-फिकर रहना आदत रही थी तेरी,
बारिसे आंचल भीगा ,अश्क कहा, गदर थी हेराफेरी,
खुद से लुट गया तेरे वास्ते,तुझे आयी नजर थी कमजोरी,
गम करोगी तो, छुपाउँगा हर हिस्सा तुम से,
बाहर ही खडे हैं, तुम उठ के आओ तो पलंग से !


खत्म सफाई का दौर ,महंगी शिकायतेें ना करो हर बार,
सितम आ पड़ा,पूरी मजबूरियों का कहे मिले एक बार,
गजब का आंकड़ा,मेरी गलतियों का तेरे दिले दरबार,
मुहब्बते मुद्दे खंगालो ना अब,मुबारक तुम्हें नफरते  प्रचार !
जख्म भरोगी तो,तुझे रंगवाउँगा फिर मुझसा रंग से,
बाहर ही खडे हैं, तुम उठ के आओ तो पलंग से !


और अंत में ,
कह देते हैं आज तुमसे ,
खातिर ना बने ताज मुझसे !
मगर हर कण उकेर दूं ,तुझे ही नाम से,
फिर चलें इश्की आंधी,तेरे ही रियाज से !
मूँद सा संभाला ,एक पल का इश्क तुम्हारा ,
संदेह न करो,ईश्क लौटाउँ मैं ,साथ ब्याज के !
सनम बनोगी तो, सुनाऊँगा हर किस्सा ढंग से,
बाहर ही खडे हैं, तुम उठ के आओ तो पलंग से !

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